विश्व में महाद्वीप भाग 2
दक्षिण अमेरिका महाद्वीप एक नजर
(South America Continent GK/South America Mahadeep Ek Nazar )
दक्षिण अमेरिका महाद्वीप (South America Continent)
उत्तर अमेरिका के दक्षिण पूर्व में स्थित पश्चिमी गोलार्द्ध का एक महाद्वीप, इसका अधिकांश विस्तार दक्षिणी गोलार्द्ध में है। इसके उत्तर में कैरीबियन सागर तथा पनामा नहर, पूर्व तथा उत्तर-पूर्व में अन्ध महासागर, पश्चिम में प्रशान्त महासागर तथा दक्षिण में अण्टार्कटिक महासागर स्थित हैं। भूमध्य रेखा इस महाद्वीप के उत्तरी भाग से एवं मकर रेखा मध्य से गुजरती है जिसके कारण इसका अधिकांश भाग उष्ण कटिबन्ध में पड़ता है।
दक्षिणी अमेरिका की उत्तर से दक्षिण लम्बाई लगभग 7,200 किलोमीटर तथा पश्चिम से पूर्व चौड़ाई 5,120 किलोमीटर है। क्षेत्रफल की दृष्टि से विश्व का चौथा बड़ा महाद्वीप है, जो आकार में भारत से लगभग 6 गुना बड़ा है। पनामा नहर इसे पनामा भूडमरुमध्य पर उत्तरी अमरीका महाद्वीप से अलग करती है। किंतु पनामा देश उत्तरी अमरीका में आता है।
- क्षेत्रफल – लगभग 1,78,40,000 वर्ग किमी. (सम्पूर्ण विश्व के भू-भाग का 12% है)
- जनसंख्या – 41,00,13,492 (सम्पूर्ण विश्व की 5.7% जनसंख्या)
- जनसंख्या घनत्व – लगभग 21.4 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी.
दक्षिण अमेरिका महाद्वीप में कुल 12 स्वगतंत्र देश एवं 3 अधिनस्थ देश है। (फरवरी, 2017)
- फ़ाकलैंड द्वीप-समूह (ब्रिटेन)
- दक्षिण जोर्जिया और दक्षिण सैंडविच द्वीपसमूह (ब्रिटेन)
- फ्रेंच गुयाना (फ़्राँस)
दक्षिण अमेरिका महाद्वीप के बारे में विशेष तथ्य (Special facts about South America continent) →
- बोलिविया और पेरू जैसे दक्षिण अमेरिका देशों की कुल जनसंख्या का अधिकांश यहां के मूल निवासियों के वंशज जैसे क्वेशुआ और आयमारा से बना है। अश्वेत व यूरोपीय प्रजातियों के मिश्रण से मुलाटो तथा अश्वेत व रेड इण्डियन के मिश्रण से जैम्बो प्रजातियाँ बनी हैं। भारतीय मूल के लोगों के वंशज गुयाना और सूरीनाम के सबसे बड़े जातीय समूहों में से हैं।
- दक्षिण अमेरिका के अधिकांश लोग रोमन कैथोलिक ईसाई हैं, इसके अलावा प्रोटेस्टेंट ईसाईयो की संख्या ब्राजील, चिली, ग्वाटेमाला और प्यूर्टो रीको में विशेष रूप से बढ़ रही है। बोलिविया, ग्वाटेमाला, मेक्सिको और पेरू जैसे देशों के मूल निवासी आज भी अपने मूल सम्प्रदाय और अनुष्ठानों का पालन करते हैं।
- दक्षिण अमेरिका महाद्वीप का क्षेत्रफल की दृष्टि सबसे बड़ा देश ब्राजील एवं सबसे छोटा देश फाकलैंड है।
- ब्राजील, जनसंख्या की दृष्टि से भी सबसे बड़ा देश है।
- दक्षिणी अमेरिका में बहने वाली अमेजन नदी विश्व में अपवाह क्षेत्र की दृष्टि से प्रथम नदी है और इस महाद्वीप की सबसे लम्बी नदी है। इस महाद्वीप में ब्रेको, मदिरा, ओरिनको, पराना, पराग्वेह, उरूग्वे, रियो, ग्राण्डे, डी सुल आदि नदियाँ बहती हैं।
- दक्षिणी अमेरिका में पेरू – बोलीविया सीमा पर विश्व की सबसे ऊँची नोकायण झील टिटिकाका 3811 मी ऊँचाई पर है। यह इंका सभ्यता का केंद्र था।
- विश्व की सर्वोच्च ऊँचाई वाली झील → नेवादो ओजस-डेल-सलादो माना जाता है। लेकिन इसकी भराव क्षमता कम होने के कारण इसे झील न मानकर एक तालाब मानना ज्याीदा उचित होगा।
- विश्व की सबसे लम्बी पर्वतमाला एण्डीज दक्षिण अमेरिका महाद्वीप में स्थित है और इसका सबसे ऊँचा शिखर माउण्ट एकांकागुआ इसकी ऊँचाई 6962 मी. है। एण्डीज पर्वत श्रृंखला 7000 किमी. लम्बी है और कहीं कहीं पर इसकी चौड़ाई 500 किमी. तक है। इसकी औसत ऊँचाई 4000 मी. है। यह पर्वत श्रृंखला, हिमालय के बाद सबसे ऊँची पर्वत श्रृंखला है।
- दक्षिण अमेरिका महाद्वीप में स्थित एंजिल जलप्रपात विश्व का सबसे ऊचा जलप्रपात है। यह वेनेजुएला के दक्षिणी-पूर्वी भाग में स्थित 979 मी. ऊँचा है। यह प्रपात ओरीनिको नदी की सहायक कैरो नदी पर स्थित है।
- दक्षिण अमेरिका महाद्वीप में स्थित इगुआजू जलप्रपात (Iguazu Falls), सबसे लम्बा, जलप्रपात है।
- दक्षिण अमेरिका के बोलीविया देश की राजधानी लापाज विश्व की सबसे ऊँचाई पर स्थित राजधानी है। यह 3658 मी. ऊँचाई पर स्थित।
- दक्षिण अमेरिका महाद्वीप में स्थित ब्राजील (Brazil) विश्व में सर्वाधिक कॉफी तथा गन्ना उत्पादित करने वाला देश है। ब्राजील में स्थित कहवा के बागों को फजैण्डा कहते हैं। विश्व में कहवा का पात्र ब्राजील है और विश्व में कहवा की मंडी साओपालो है। दक्षिण अमेरिका का कहवा निर्यात करने वाला प्रमुख सेंटास पत्तन है।
- इस महाद्वीप का सबसे बडा नगर रियो-डी-जेनरो है।
- दक्षिण अमेरिका महाद्वीप का सबसे लम्बाा रेलमार्ग ट्रांस इण्डियन रेलमार्ग है।
- इस महाद्वीप के अमजेन बेसिन में विश्व की सबसे हल्की लकडी वात्सा मिलती है।
- इस महाद्वीप के प्रमुख बंदरगाह बेलम, साओलुइस, रियो-डी-जेनरो, रियोग्राण्डे, ब्यूनस आयर्स आदि है।
दक्षिण अमेरिका के घास के मैदान (South American Grasslands) →
- पम्पाज – लाप्लाटा नदी के मुहाने के चारों ओर स्थित शीतोष्ण-कटिबन्धीय घास के मैदान दक्षिण अमेरिका के पम्पास को अर्जेटीना का हृदय कहते हैं।
- केम्पोज – अमेजन नदी के बेसिन में स्थित मध्य ब्राजील के उष्ण कटिबन्धीय घास के मैदान
- लानोज – अमेजन नदी के बेसिन के उत्तर में आरोनिको की घाटी व गायना के पहाड़ी ढ़ालों पर पाये जाने वाले उष्ण कटिबन्धीय घास के मैदान।
- दक्षिण अमेरिका का पैंटागोनिया शीत मरुस्थल सबसे बड़ा मरुस्थल है। वहीं सबसे लम्बा मरुस्थल एवं सबसे शुष्क मरुस्थल अटाकामा है।
- दक्षिण अमेरिका महाद्वीप का सबसे शुष्क स्थान → एरिका है जो चिली में स्थित है, यहां वार्षिक वर्षा का औसत 0.08 सेमी. है।
- इस महाद्वीप मे चीली-अर्जेटीना सीमा पर विश्व का सबसे ऊँचा सक्रिय ज्वालामुखी ओजो-सदल सोलाडो है। इसकी ऊँचाई 6893 मी. है।
- कोटोपॉक्सी ज्वालामुखी इक्वेडोर में स्थित एक सक्रिय ज्वालामुखी है।
- दक्षिणी अमेरिका में गुयाना, ब्राजील और पेटोगोनिया के पठार है।
- चिली में विश्व का सर्वाधिक तांबा उत्पादित होता है। यहा स्थिति चिक्विकामाटा विश्व की सबसे बड़ी ताँबे की खान है। चुकीकामाता तांबा खान दक्षिण अमेरिका के एंडीज पर्वत पर 3000 मी की ऊँचाई पर है।
- इस महाद्वीप के अधिकांश भाग पर वनों का विस्तार है। दक्षिणी अमेरिका के वनों से रबर, सिनकोना, चन्दन, कर्नोबा आदि वस्तुए प्राप्त होती है।
- दक्षिणी अमेरिका में अर्जेंटीना सर्वाधिक सूरजमुखी के बीज उत्पादित करता है, विश्व में इसका दूसरा स्थान है।
- गेहूँ की चन्द्राकार पेटी भी अर्जेंटीना में स्थित है।
- दक्षिणी अमेरिका में ब्राजील सर्वाधिक कोको उत्पादक देश है, विश्व में इसका दूसरा स्थान है।
- दक्षिणी अमेरिका का ब्राजील, सर्वाधिक सोयाबीन उत्पादक देश है, विश्व में इसका दूसरा स्थान है।
- दक्षिणी अमेरिका में ब्राजील सर्वाधिक मैगनीज उत्पादक देश है। विश्व में इसका तीसरा स्थान है।
- दक्षिण अमेरिका का सर्वाधिक मक्का उत्पादक देश अर्जेंटीना है।
- सर्वाधिक तेल उत्पादक देश वेनेजुएला और कोलम्बिया तथा सर्वाधिक तांबा उत्पादक देश चिली है।
- अर्जेंटीना के विशाल पशु फार्मो को एक्टान्शिया और यहाँ के पशुपालको को ग्वांको कहते है।
- अर्जेंटीना का प्रमुख कपास उत्पादक क्षेत्र चैको का मैदान है।
- दक्षिण अमेरिका का सर्वाधिक मछली पकड़ने वाला देश पेरू है।
- दक्षिण अमेरिका का वह स्थान, जहाँ जाड़ों में वर्षा होती है, मध्य चिली।
- दक्षिण अमेरिका सर्वाधिक नगरीकृत देश उरुग्वे है।
अंटार्कटिका महाद्वीप एक नजर
(Antarctica Continent GK / Antarctica Mahadeep Ek Nazar)
अंटार्कटिका महाद्वीप (Antarctica Continent) –
अंटार्कटिका (या अन्टार्टिका) पृथ्वी का दक्षिणतम महाद्वीप है, जिसमें दक्षिणी ध्रुव अंतर्निहित है।
यह, एशिया, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका और दक्षिणी अमेरिका के बाद, पृथ्वी का पांचवां सबसे बड़ा महाद्वीप है, अंटार्कटिका का 98% भाग औसतन 1.6 किलोमीटर या इससे भी मोटी बर्फ से आच्छादित है।
इस महाद्वीप की खोज का सर्वप्रथम प्रयास जेम्स कुक ने किया था, कई लोग इस महाद्वीप की खोज का श्रेय जेम्स कुक को ही देते है। परन्तु अंटार्कटिक वृत्त पार करने के बावजूद भी वे इसकी मुख्य भूमि तक नहीं पहुँच पाए थे।
इस महाद्वीप की मुख्य भूमि की खोज करने वाला व्यक्ति वेलिंग शॉसेन (रूसी शाही नौसेना का एक कप्तान) को माना जाता है, जो 1820 ई. में वोस्टॉक नामक जहाज पर सवार होकर यहां पहुँचा था।
क्षेत्रफल – लगभग 1,40,00,000 वर्ग किमी.
जनसंख्या – 5000 (अस्थाई रूप से रहने वाले शोधकर्त्ता, वैज्ञानिक एवं उनके सहयोगी)
अंटार्कटिका महाद्वीप के बारे में मुख्य तथ्य (Important GK Facts of Antarctica continent) –
- इस महाद्वीप का तापमान 4°C से कम रहता है।
- औसत रूप से अंटार्कटिका, विश्व का सबसे ठंडा, शुष्क और तेज हवाओं वाला महाद्वीप है और सभी महाद्वीपों की तुलना में इसका औसत उन्नयन सर्वाधिक है। अंटार्कटिका को एक रेगिस्तान माना जाता है।
- यहाँ का कोई स्थायी निवासी नहीं है लेकिन साल भर लगभग 1,000 से 5,000 लोग विभिन्न अनुसंधान केन्द्रों जो कि पूरे महाद्वीप पर फैले हैं, पर उपस्थित रहते हैं।
- दक्षिणी ध्रुव तक पहुँचने वाला प्रथम व्यक्ति नॉर्वे निवासी एमंडसन था, जो 1911 ई. में अंटार्कटिका महाद्वीप पर पहुँचा था। अंटार्कटिका पहुँचने वाली पहली महिला कैरोलीन मिकेलसन (Caroline Mikkelsen) थी।
- अंटार्कटिका पहुँचने वाला प्रथम भारतीय रामचरणजी (1960 ई.) थे, जबकि दक्षिणी ध्रुव पर पहुँचने वाले प्रथम भारतीय कर्नल जतिन्दर कुमार बजाज (Colonel Jatinder Kumar Bajaj) थे। डॉ. गिरिराज सिरोही का नाम भी दक्षिणी ध्रुव पर पहुँचने वाले प्रथम भारतीय के रूप में माना जाता है।
- भारत ने इस महाद्वीप पर भू-संरचना, मौसम, पर्यावरण, जीवाश्म, जीव-जन्तु, वनस्पति, खनिज आदि के वैज्ञानिक परीक्षण हेतु विभिन्ना समय अनुसंधान केन्द्र एवं प्रयोग शालाऐं खोली, जो निम्न है —
- सन् 1983-84 में दक्षिणी गंगोत्री (Dakshin Gangotri) की स्थापना की गई।
- सन् 1987-89 में मैत्री शोध केन्द्री की स्थापना की गई। आठवें दल द्वारा।
- सन् 2006 ई. में नवीन शोध केन्द्र भारती नाम से प्रिड्ज बे के निकट ‘लार्समन हिल्स’ में बनाया गया। इस केन्द्र ने 2012 से परीक्षण शुरु किया।
- गोवा के वास्कोडिगामा में केन्द्रीय अंटार्कटिक और समुद्र अनुसंधान (NCAOR) संस्थान ने आइसोट्रेस लेबोरेटरी का उद्घाटन किया गया।
- 23 जुलाई, 2014 को भारत का पहला बहुसेंसर ऊसर वेधशाला इंडआर्क (Ind ARC) ‘कौंग्स्फजौर्डेन’ में स्थापित किया गया।
- शीत ऋतु और ग्रीष्म ऋतु में महाद्वीप का अलग – अलग आकार होने के कारण ही इसे ‘गतिशील महाद्वीप’ कहते है।
- समुद्री तटों से बर्फ के बड़े – बड़े टुकड़े टूटकर समुद्र में तैरते रहते हैं, जिन्हें ‘हिमशैल’ कहते हैं। ये हिमशैल मीठे पानी के भंडार हैं।
- अंटार्कटिका में बर्फ की 19 मीटर मोटी परत के नीचे ‘विदा’ नामक अत्यधिक खारे पानी की झील मिली है।
- ‘क्वीन मॉड’ पर्वत श्रेणी (Queen Maud Mountains) इस महाद्वीप को दो बराबर भागों में बांटती है। यहां की सर्वोच्च चोटी ‘विंसन मैसिफ‘ (Vinson Massif) है।
- ‘माउंट एर्बुश’ (Mount Erebus : Volcano in the Antarctic) इस महाद्वीप का अकेला सक्रिय ज्वालामुखी है।
- इस महाद्वीप की भूमि तीन महासागरों से घिरी है- हिन्द महासागर, प्रशांत महासार और अटलांटिक महासागर। इन महासागरों के दक्षिणी छोर को दक्षिणी महासागर या अंटार्कटिक महासागर कहते हैं।
- वेडेल सागर व रॉस सागर (Weddell Sea & Ross Sea) अंटार्कटिक महासागर के ही भाग है।
- सूर्य के उत्तरायण के बाद यहां छ: महीने तक रात होती है जबकि सूर्य के दक्षिणायन के बाद यहां छ: महीने तक दिन रहता है। परन्तु- सूर्य की किरणे इतनी तिरछी होती है कि वायु गर्म नहीं हो पाती है। नवम्बर से फरवरी का समय इस महाद्वीप का मुख्य ग्रीष्मकाल है।
- ओजोन रिक्तीकरण/ओजोन ह्रास एवं ओजोन छिद्र (Ozone Hole) की प्रक्रिया की खोज सबसे पहले अंटार्कटिका महाद्वीप में 1985 ई. में हुई। इसी छिद्र से होकर सूर्य की खतरनाक किरणें सीधे धरती पर पहुँचती हैं।
- लाइकेन और मॉस यहां की मुख्य वनस्पति है।
- अल्बाटरोस व पेटरल नामक उड़ने वाले समुद्री पक्षी तटीय क्षेत्रों में पाए जाते हैं।
- पेंग्विन इस महाद्वीप की अपनी पहचान है। यह बिना उड़ने वाली चिड़िया के रूप में जानी जाती है।
- इस महाद्वीप में विश्व के वैज्ञानिक अनुसंधान कार्य में लगे हुए हैं। यहां अनेक प्रकार के खनिज, जैसे- सोना, चांदी, तांबा, कोयला, मैंगनीज, यूरेनियम, प्लैटिनम, क्रोमियम खनिज एवं प्राकृतिक गैस आदि की जानकारी मिल चुकी है। लेकिन प्राकृतिक कठिनाइयों के कारण खनन नहीं हो सका है।
- यह महाद्वीप वैज्ञानिकों को पृथ्वी के बारे में अधिक जानकारी देने के अनोखे अवसर अवश्य प्रदान करता है, इसलिए इसे विज्ञान के लिए समर्पित महाद्वीप (The Continent Dedicated to Science) भी कहते है।
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