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Showing posts from July 26, 2020

हम धरती पुत्र बिहारी है

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              हम धरती पुत्र बिहारी हैं              हम श्रम नायक है भारत के और मेधा के अवतारी है,  हम दस पर भारी एक पड़े,  हम धरती पुत्र बिहारी है | हम श्रम नायक है भारत के और मेधा के अवतारी है,  शहनाई जिसपे नाज करे बिस्मिल्ला ख़ाँ हमी तो है,  शारदा ज्योति सैनि गायक सुर की पहचान हमी तो है,  दुनिया पूजे उगता सूरज हम ढ़लते के भी पुजारी हैं,  हम धरती पुत्र बिहारी है| पहला पहला गणतंत्र दिया अर्थशास्त्र का मंत्र दिया,  नालंदा से हमने जग को शिक्षा का पहला मंत्र दिया,  गिनती को शून्य दिया हमने गणरायें भी बलहारी है,  हम धरती पुत्र बिहारी है | मैथिली अंशिका भोजपुरी हम लोक गीत किलकारी हैं | दुनिया पुजे धन की देवी हम सरस्वती के पुजारी हैं,  रावण जिसको छु भी न सका हम सीता जनक दुलारी हैं,  हम धरती पुत्र बिहारी है| ५७ में जब चुर हुई हम जयप्रकाश बन के डोले सिंहासन खाली करो की जनता आती है, दिनकर बोले हम सीखो के दशवेश गुरू फिर शामुंदा अवतारी है,  हम धरती पुत्र बिहारी है | तेज...

कोरोना पे कविता

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                       कोरोना से बचके(कविता)           फलानवा भईल बेमार फलानवा से दूरे रह  कोरोनवा से दूरे रह | सण्डे रहे या सोमार,दोस्त रहे या खास फलानवा से दूरे रह कोरोनवा से दूरे रह| सर्दी होवे या बुखार, छीक आवे या हो जुकाम जाके कराव चेकअप चेकअप ना ल ज्यादा तु रिस्क दूरी बनईले रह दूरी बनईले रह फलानवा से दूरे रह कोरोनवा से दूरे रह| जब भी कोई आवे बाहर से, विदेश हो या हो आपन देश करिह तु कोरेनटाइन पहले 14 दिन जबले न आ जाये परिणाम  फलानवा से दूरे रह कोरोनवा से दूरे रह | जबले ना हो ज्यादा जरूरी जरूरी तबले न घर से निकलअ बेजरूरी जबले ना आ जाये कोरोना वैक्सीन तबले धैर्य बनईले रह फलानवा से दूरे रह कोरोनवा से दूरे रह|

बचपन की यादें

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                  बचपन की यादें (भाग २)  सच सच बताना मिस करते हो  क्या?  बचपन के वह खिलौने जिनके रचनाकार हम स्वयं हुआ करते थे,  पुराने चप्पलों को यु गोल काटके अपना वाहन स्वयं बना लिया करते थे | सच सच बताना मिस करते हो क्या?  बचपन के वह खेल जो मिट्टी में लोट पोट होके खेला करते थे ,  सच सच बताना मिस करते हो क्या?  बचपन का वह माँ के हाथों का खाना खाके मजा आया करता था,  खेल में कहीं लेट न हो जाये इसके लिए हाथों में दो रोटियों को एक बना के खाते चल देना | सच सच बताना मिस करते हो क्या?  बचपन के खेल भी क्या खेल थे जिनके नाम भी अजीब थे,  चिका बड्डी, सतिलो, कबड्डी, लुका छिप्पी, गुली डंडा, कंचा आदि ऐसे  खेले हुआ करते थे |  सच सच बताना मिस करते हो क्या?  बचपन में पिता की वह मार, माँ का प्यार से दुलार करना,  दोस्तों का बुलाने का वह कोड और खेलने के लिए पिछले दरवाजे से यू भग जाना | सच सच बताना मिस करते हो क्या?  बचपन में जब किसी के घर से शादी का कार्ड आया करता था,  शादी में खाना...