व्यंजन संधि
व्यंजन संधि व्यंजन संधि – व्यंजन के बाद स्वर या व्यंजन आने से जो परिवर्तन आता है , उसे व्यंजन संधि कहते है ; जैसे – वाक् + ईश = वागीश नोट : वयंजन का शुद्ध रूप हलन्त् वाला रूप होता है – जैसे – [ क् ख् ग् घ्........ ] व्यंजन संधि के नियम १ . वर्ग के पहले वर्ण का तीसरे वर्ण में परिवर्तन : किसी वर्ग के पहले वर्ण [ क् ] का मेल किसी स्वर अथवा किसी वर्ग के तीसरे या चौथे वर्ण [ ग ज ड द ब ] , [ घ झ ढ ध भ ] या अंत:स्थ व्यंजन [य र ल व ] के किसी वर्ण से होने पर वर्ग का पहला वर्ण अपने ही वर्ग के तीसरे वर्ण [ ग ज ड द ब ] में परिवर्तन हो जाता है जैसे- क का ग होना : दिक् + गज = दिग्गज च का ज होना : अच् + अंत = अजंत ट का ड होना : षट + आनन = षडानन ...